घनी आबादी वाले हिस्से में

Vinod
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पहाड़ से उतरती आड़ी-तिरछी ये पगडंडियाँ
नदी तक आते-आते न जाने कहाँ बिला जाती हैं

बलुई नदी पार कर रहे मवेशियों के खुरों की आवाज़
पहाड़ी बालाओं के गीतों के स्वर 
गड़ेरियों की बाँसुरी की धुन
माँदर की थाप
जंगली फूलों की गंध
पंछियों का शोर
- ऐसा कुछ भी नहीं जा पाता नदी के उस पार

सिर्फ़ जाते हैं वहाँ
काम की खोज में  
पेट की आग लिए पहाड़ी लोग|
- -घनी आबादी वाले हिस्से में

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